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फिट पुरूष

Published On: February 18, 2011
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बहुत से लोगों में एक गलत धारणा बन जाती हैं कि एक्सएल(XL) साइज मांसपेशियां अच्छे स्वास्थय की निशानी है। पर ये धारणा पूरी तरह गलत है। दरअसल फिटनेस का सही अर्थ पूरे शरीर का स्वस्थ विकास होता है। एक दूबले –पतले स्फूर्ती से भरे शांत दिमाग वाला शरीर भी फिट माना जाता है । इसलिए शारीरिक व्यायाम के अतिरिक्त यह भी महत्वपूर्ण है कि ऐसा आहार लिया जाए जो पूरे शरीर और मन को स्वस्थ और स्फूर्तिदायक रखने में सक्ष्म हो ।

पुरोषों मे फिटनेस

हदृय रोग, मोटापा, डायबिटीज, स्मरण शक्ति का हास, उच्चरक्तचाप, हदृयघात, कॉलोन कैंसर और तनाव से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना नियमित रूप से व्यायम करने को ही काफी माना जाता है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से अधिक एक्टिव और फिट रहते है उन्हें हदृयघात का खतरा उन लागों के मुकाबले काफी कम रहता है जो शारीरिक रूप से कम सक्रिय और सुस्त होते है।

45 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों में धुम्रपान या मदिरा सेवन की आदत होती है उनमें मधुमेह या उच्च रक्तचाप की शिकायत जायदा होती है । जिन लोगों को कारडियोवसक्यूलर रोग की कोई आनुवांशिक बीमारी होती है उन लागों द्वारा नियमित तौर पर व्यायाम करने से इन बीमारियों का खतरा 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है। बरहाल इस बात का कोई ठोस माप अब तक नहीं किया गया है कि व्यायाम से हृदयघात का खतरा कितना कम होता है लेकिन इतना तो तय है कि व्यायाम करने से ढेर सारे शारीरिक लाभ होते है। जिसमें हृदयघात के खतरे को कम करने के साथ ही उच्च रक्तचाप को कम करने, कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने और मोटापा कम करना भी शामिल है।

हृदयघात के खतरे को कम करने के लिए व्यायाम के साथ ही आप अपने खान–पान के तौर–तरीके को भी बदले। धुम्रपान, मधपान का त्याग करे और भोजन में सेचूरेटेड फैट, अधिक मात्रा में नमक और फैटी डेयरी प्रोडक्ट का प्रयोग कम कर दे या बंद कर दे। इसके बदले में अपने भोजन में प्रचूर मात्रा में फल, हरी सब्जियां, साबूत अनाज और कम वसा वाले दुग्ध उत्पादों का सेवन करे।

मनुष्य जैसे–जैसे बूढ़ा होने लगता है उसके शरीर के रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने लगती है। शरीर में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन जैसे खराब किस्म के कोलेस्ट्रोल की मात्रा धीरे–धीरे बढ़ने लगती है और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन नामक अच्छे घनत्व वाले कोलेस्ट्रोल की मात्रा का धीरे–धीरे रक्त में क्षय होने लगता है। कम घनत्व और उच्च घनत्व वाले प्रोटीन दोनो के असंतुलन से हृदय रोग उत्पन्न होता है और जब यह अधिक मात्रा में रक्त के धमनी के निचे वाले सतह पर जमा होने लगता हैं तो मरीज को हृदयघात का खतरा पैदा हो जाता है। रक्त में निम्न घनत्व वाले कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने के लिए भोजन में सेचूरेटेड फैट का प्रयोग कम करे और नियमित रूप से एक्सरसाइज करे । अध्ययन में पाया गया है कि निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन को कम करने से रक्त में उसके अनुपात में 4 प्रतिशत उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन की वृद्धि हो जाती है जो हृदयघात के उत्पन्न होने के खतरे को कम करने में काफी प्रभावशाली भूमिका निभाती है।

रक्त मे टरीगलिसिराइड नामक वसा के बढने से भी हृदयघात के खतरे काफी बढ जाते है। लेकिन सक्रिय रहने और नियमित रूप से व्यायाम करने वाला व्यक्ति रक्त में पाए जाने वाले इस हानिकारक वसा के लेवल को नियंत्रण में रख कर हृदयघात के खतरे को कम कर सकता है। उच्च रक्तचाप होने से भी हृदयरोग और हृदयघात का खतरा कई गुणा अधिक बढ जाता है। मनुष्य की आयु बढने के साथ ही उसके रक्तचाप का स्तर भी बढ़ने लगता है। लेकिन शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्ति अपने रक्तचाप के लेवल को भी नियंत्रण में रख सकता है।

शरीर में अत्यधिक वसा जमा होने से टाइप–2 डायबिटीज रोग के होने का खतरा बना रहता है जो आजकल एक बहुत ही बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है। नियमित रूप से व्यायाम कर और खान–पान के उचित तौर–तरीकों का पालन कर मोटापे से दूर रहा जा सकता है। और साथ ही टाइप –2 डायबीटीज की बीमारी के खतरे को भी काफी कम किया जा सकता है।

सालाना कैंसर से होने वाली मौतों में कॉलोन के कैंसर के मरीजों की एक बहुत बड़ी संख्यां होती है। फाइबर युक्त और साबूत अनाज जैसे हेल्दी आहार लेकर और रोजाना व्यायाम करके कॉलोन में होने वाले कैंसर के खतरे को 30 से 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

रेगुलर एक्सरसाइज करने से मनुष्य के सेक्स करने की क्षमता मे वृद्धि होती है और उसके पौरूष ग्रंथी को काफी लाभ मिलता है। नियमित रूप से

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