बेवफाई अन्य भय के शिकार साथी पर भावनाओं के ढेर सारे बोझ लाद सकती है और यह स्वाभाविक है। यह सापेक्षिक रूप से स्थिर सम्बन्ध को उजाड़ने वाली घटनाओं का मोड़ होता है जो आपको सामान्य जीवन के दायरे से बाहर खींच लेता है। प्यार में धोखा खाने वाले लोग खुद को दिन-रात यही सोच-सोचकर पीडित करते रहते हैं कि क्या गलत हो गया? जबकि भटकने वाला साथी नये सम्बन्ध में इसकी परवाह किए बिना व्यस्त हो सकता है कि इससे उसके दिलोदिमाग पर क्या बीती होगी जिसे उसने धोखा दिया है।
आत्मप्रतिष्ठा का छिन्न-भिन्न होना
बेवफाई का शिकार होने वाले लोग न केवल अपने आत्म–सम्मान के छिन्न-भिन्न होने का दर्द महसूस करते हैं बल्कि इसके साथ जीवन जीना ही उन्हें एक बोझ लगने लगता है। किसी सम्बन्ध को सुरक्षा और स्थायित्व प्रदान करने वाला आवरण एकाएक ही छीन लिया जाता है और धोखा खाने वाला व्यक्ति भय, असुरक्षा और अविश्वास की भावना से भर जाता है। वही जीवन जीना या नई जिंदगी का फैसला करने के साथ आपके आसपास के लोगों के प्रति अविश्वास भी जुड़ जाता है। अचानक ही कोई व्यक्ति नितांत अकेलापन महसूस करने लगता है और जीवन का सामना अकेले ही करने पर खुद को मजबूर पाता है।
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बेवफाई का बोझ
बेवफाई का बोझ अगले सम्बन्ध में भी पीछा नहीं छोड़ता। नए सम्बन्ध को सभी ज़रूरी पोषण देने की ज़रूरत होती है जो आप दे सकते हैं लेकिन भय और अविश्वास का बोझ आपको इसमें दुखद रूप से असफल बना सकता है। भय और अविश्वास की भावनाओं का सामना करने के लिए या तो परिवार के लोगों और मित्रों की मदद लें या प्रोफेशनल मदद लें क्योंकि नए सम्बन्ध को स्वस्थ रखने के लिए इन भावनाओं से छुटकारा पाना बेहद जरूरी है। आपको समझना चाहिए कि हर कोई एक जैसा नहीं होता और आपको बिना बोझिल भावनाओं के अपना जीवन प्रसन्नतापूर्वक जीने का पूरा हक है। एक बार धोखा खाने वाले व्यक्ति को दोबारा हिचकिचाहट अवश्य हो सकती है लेकिन बेहतरी के लिए सभी कोशिश करके देखने में कोई हर्ज नहीं होता!













