Causes Of Leucorrhoea In Hindi: लिकोरिया महिलाओं में कैसे और क्यों होती है? आइए डॉक्टर से इसके कारण और इलाज के बारे में जानते हैं।
Causes Of Leucorrhoea Disease In Hindi: महिलाओं को White Discharge या सफेद पानी होना बहुत आम है। यह उनके निजी पार्ट से हानिकारक बैक्टीरिया को साफ करने का एक प्राकृतिक तरीका है। जननांग से सफेद पानी सामान्यतौर पर महिलाओं को मासिक चक्र से 2-3 दिन पहले और बाद में देखने को मिलता है। यह सफेद रंग का चिपचिपा गाढ़ा तरल पदार्थ होता है, जो निजी पार्ट की सफाई करता है। पर अक्सर यह देखने को मिलता है कि कुछ महिलाओं में ये बार-बार और बहुत अधिक मात्रा में निजी पार्ट से सफेद पानी आने की समस्या उनको परेशान करती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में लिकोरिया या ल्यूकोरिया कहते हैं, जिसमें महिलाओं के निजी अंग से सामान्य से अधिक सफेद पानी निकलता है। यह समस्या किसी भी आयु की महिलाओं में देखने को मिल सकती है।
क्या आपने कभी सोचा है कि किन वजहों से महिलाओ में ये समस्या होती है? या आखिर यह समस्या महिलाओं में क्यों होती है या इस ब्लॉग की स्पेशल सीरीज ‘बीमारी को समझें’ में हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान शब्दों में किसी बीमारी और उसके होने का कारण समझाते हैं। लिकोरिया की बीमारी क्यों होती है और इसके कारणों के बारे में जानने के लिए हमने Sarojini Naidu Medical College, Agra के डॉ. सरोज सिंह (Professor and HOD, Department of Obstetrics and Gynaecology) से हमने बात की। आइए इसके बारे में ठीक से जानते हैं।

आखिर क्यों होती है लिकोरिया की बीमारी – What Causes Leucorrhoea Disease In Hindi
डॉ. सरोज के अनुसार महिलाओं के निजी अंग से होने वाला यह डिस्चार्ज स्वाभाविक रूप से अम्लीय होता है, जो संक्रमण को रोकने में मदद करता है और योनि को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक है। हालांकि, कई बार जननांग का प्राकृतिक संतुलन कुछ कारणों की वजह से बाधित हो जाता है, जिससे यह डिस्चार्ज की स्थिरता, रंग और गंध में बदलाव देखने को मिल सकता है साथ ही इसकी मात्रा भी कम और ज्यादा भी हो सकती है। यह कुछ मामलों में किसी अंतर्निहित संक्रमण या बीमारी का संकेत भी हो सकता है। पीरियड्स के बीच में द्रव का स्राव होना सामान्य बात है क्योंकि यह ओव्यूलेशन का संकेत है। सफेद पानी की अधिकता या लिकोरिया बीमारी के लिए कई तरह के कारक जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे ….
- डूश, या फेमिनिन हाइजीन स्प्रे या टैम्पोन का प्रयोग
- कुछ दवाएं जैसे कि एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड का अत्याधिक सेवन
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे वेजिनोसिस, वजाइनल कैंडिडिआसिस
- यौन से सम्बन्धित संक्रमण जैसे क्लैमाइडिया, ट्राइकोमोनिएसिस, गोनोरिया, एचपीवी
- डायबिटीज और एचआईवी पॉजिटिव होना
- कमजोर इम्यूनिटी
- गर्भपात
- चिंता, तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्थितियां
- निजी अंगों की स्वच्छता का ध्यान अच्छी तरह से न रखना
- शरीर के पीएच स्तर में बदलाव
- शरीर में खून की कमी
- यौन संबंध बनाते समय गलतियां
- बहुत अधिक फास्टिंग
- अनहेल्दी फूड्स का अधिक सेवन
- यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण
- यीस्ट इन्फेक्शन
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डॉ. सरोज के अनुसार अगर सफेद पानी की समस्या किसी मेडिकल कंडीशन क़ी वजह से है तो डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने का सुझाव दे सकता है, जिससे कि इसके कारणों का पता लगाया जा सके। उसके बाद डॉक्टर आपकी स्थिति के अनसुार उपचार का सुझाव दे सकता है। सामान्यतौर पर लिकोरिया के इलाज के लिए मेट्रोनिडाजोल, क्लोट्रिमेज़ोल, फेंटिकोनाजोले, टिनिडाजोल, क्लिंडामाइसिन जैसी दवाएं देते हैं। अगर ये समस्या किसी मेडिकल कंडीशन के वजह से नहीं है तो कुछ घरेलू उपायों की सहायता से भी इससे निजात पाया जा सकता है। लेकिन इस दौरान निजी अंगों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।
(With Inputs: Dr. Saroj Singh, Professor and HOD, Department of Obstetrics and Gynaecology, Sarojini Naidu Medical College, Agra)












